Monday, February 18, 2013

दिल्‍ली पुलिस का सबसे घिनौना-बर्बर चेहरा:बलात्कार के फर्जी आरोप में दो बेगुनाहों को फंसाया


गिरफ्तार नेताओं ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा
सुशील शिंदे की बर्खास्तगी, यासीन मलिक की गिरफ्तारी और बलात्कार कानून की आड़ में निर्दोष पुरूषों का उत्पीड़न रोकने हेतु हिन्दू महासभा ने जन्तर-मन्तर पर प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी


            अखिल भारत हिन्दू महासभा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष रविन्द्र द्विवेदी के नेतृत्व में हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने जन्तर-मंतर पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी हिन्दू आतंकवाद पर बयान देने के लिये गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को बर्खास्त करने, पाकिस्तान जाकर मोस्ट वाण्टेड आतंकवादी हाफिज सईद के साथ अफजल को फांसी के विरोध में धरना देने पर जेकेएलएफ के नेता यासीन मलिक को राष्ट्रªद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने, बलात्कार कानून की आड़ में निर्दोष पुरूषों का उत्पीड़न बन्द करने, दहेज उत्पीड़क का साथ देने व सुधा के साथ अन्याय के लिये सराय रोहिल्ला थाना प्रभारी को बर्खास्त करने, फर्जी बलात्कार के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद दीपक गुप्ता और अजय गुप्ता रिहा करने की ंमांग कर रहे थे। अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शनकारियों ने थाना संसदमार्ग में अपनी गिरफ्तारी दी। बाद में प्रदर्शनकारियों को बिना शर्त रिहा कर दिया गया।

प्रदर्शनकारी दोपहर 12 बजे हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र द्विवेदी के नेतृत्व में जन्तर-मंतर पर एकत्र हुये और जमकर नारेबाजी की। रविन्द्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे पर पाकिस्तान के इशारे पर हिन्दू और भगवा को आतंकवाद से जोड़कर देश के बहुसंख्यक हिन्दू समाज की देशभक्ति को अपमानित किया है। उनके बयान को आधार बताते हुये हाफिज सईद ने भारत को वैश्विक स्तर पर आतंकवादी देश घोषित करने का दुःस्साहस दिखाया। इसलिये शिंदे को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिये। कार्यवाहक अध्यक्ष ने अपने संबोधन में यासीन मलिक के पाकिस्तान में हाफिज सईद के साथ धरना देने का प्रथम दृष्टया राष्ट्रद्रोह का अपराध बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे राष्ट्रद्रोही की जगह जेल में है। उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाये।

बलात्कार के फर्जी आरोप

हिन्दू स्वराज्य सेना के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने अपने संबोधन में बलात्कार कानून की आड़ में पुरूषों के उत्पीड़न का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि बलात्कार के फर्जी आरोप की एफआईआर संख्या 3/2013 थाना मण्डावली में अजय गुप्ता और दीपक गुप्ता तिहाड़ जेल में बंद है। जिस दिन बलात्कार का आरोप लगाया गया है, उस दिन मुख्य आरोपी दीपक गुप्ता संत कबीर नगर उ0प्र0 में एक शादी में शामिल में था। शादी की सीडी और तस्वीरें पुलिस मुख्यालय और डीसीपी, पूर्वी दिल्ली को सौंपा गया, लेकिन पुलिस ने बिना जांच कराये ही उसकी प्रमाणिकता से इंकार किया। उन्होंने तत्काल दोनों को तिहाड़ से रिहा करने की मांग की। जो लड़की आरोप लगा रही है वो परोक्ष रूप से 15 लाख रूपये की मांग कर रही है व उसका चरित्र भी ठीक नही है। पुलिस आज तक झूठे बलात्कार की मेडिकल रिपोर्ट नही प्रस्तुत कर पायी। लड़की के साथ जब रेप हुआ तो उसने थाने में प्राथमिकी क्यों दर्ज नही करवायी। लड़की का कहना है कि बलात्कार की सीडी भी बनायी  गयी है तो पुलिस आरोपियों से बलात्कार की सीडी क्यों नही बरामद कर पायी।

सराय रोहिल्ला थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग

दहेज उत्पीड़न की शिकार सुधा कुमारी को आज तक न्याय नही मिल पाया। ऐसा इसलिये क्योंकि सराह रोहिल्ला का थाना प्रभारी दहेज उत्पीड़क व अभियुक्त दिनेश कुमार से मिली हुयी है जिसे जानबूझकर पुलिस गिरफ्तार नही कर रही है। सुधा कुमारी के पति दिनेश कुमार पुत्र बंगाली बाबू, निवासी सराह रोहिल्ला को तीस हजारी न्यायाल य और कड़कड़डूमा न्यायालय से तीन बार गिरफ्तार कर अदालत में प्रस्तुत करने का न्यायिक आदेश जारी किया जा चुका है। सराह रोहिल्ला का थाना प्रभारी दिनेश कुमार को गिरफ्तार नही कर रही है। दिनेश के पिता बंगाली बाबू द्वारा सन् 2004 में समाचार पत्र में प्रकाशित उस पब्लिक नोटिस को आधार बना रही है, जिसमें अभियुक्त दिनेश कुमार को संपत्ति से बेदखल करने का हवाला छपा है।

बंगाली बाबू ने सन् 2008 में अपने बेटे अभियुक्त दिनेश कुमार की बिना तलाक दिलाये दूसरी शादी की और उस शादी में शामिल हुआ। बेटे की दूसरी बहू को बेटे सहित अपने घर में रखा। अगर दिनेश कुमार से सन् 2004 में उसके पिता ने सारे रिश्ते समाप्त कर दिये थे तो सन् 2008 में उसकी शादी में शरीक होना और दूसरी बहू को अपने घर में रखना प्रमाणित करता है कि सन् 2004 में संपत्ति से बेदखल करने का पब्लिक नोटिस छपवाना महज एक नाटक था। पुलिस बंगाली बाबू पर दबाव बना सख्ती से पेश आये तो अभियुक्त दिनेश कुमार को गिरफ्तार किया जा सकता है।

अभियुक्त दिनेश कुमार को गिरफ्तार करने एवं दोषी पुलिसकर्मियों को विधि-सम्मत दण्डित करने की मांग पर 3 जनवरी, 2013 को पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन कर पुलिस आयुक्त को संबोधित ज्ञापन भी दिया गया। दुर्भाग्यवश पुलिस मुख्यालय अपना आश्वासन पूरा करने में असफल रहा जिस कारण पुनः हिन्दू महासभा को बार-बार प्रदर्शन करना पड़ रहा है।

वक्ताओं ने जंतर-मंतर पर थाना बुराड़ी व सराय रोहिल्ला के थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग की। थाना बुराड़ी पर सन् 2010 से गायब ममता और उसके परिवार के आरोपियों को बचाने और अपहरण की प्राथमिकता दर्ज न करने का आरोप लगाया गया है। वक्ताओं ने कहा कि यह दिल्ली पुलिस का यह अमानवीय चेहरा है, जो प्रभावितों को न्याय की हत्या को बढ़ावा देता है। ऐसे पुलिस अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नही जाना चाहिये और आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिये।

प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में थाना संसद मार्ग में गिरफ्तारी दी। गिरफ्तार नेताओं का एक प्रतिनिधि मण्डल प्रधानमंत्री कार्यालय गया और अपनी मांगों का ज्ञापन भी दिया। प्रतिनिधि मण्डल में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के प्रतिनिधि शामिल थे। गिरफ्तारी देने वालों में रमेश बाल्मीकि, विजय बहादुर सिंह संेगर, कन्हैया लाल राय, अशोक गिरी, रजनी सक्सेना, अधिवक्ता संजय चैधरी, सुरेश कुमार, मूलचंद्र, सुशील कुमार सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।